अस्सलामु अलैकुम दोस्तों ! 99 Names Of Allah series का ये आख़िरी पार्ट यानि Part 5 है, जिसमें 81 से 99 तक नामों के मीनिंग और फ़ायदे आप पढेंगे, पढ़ने के बाद जब इनका जब इनका ज़िक्र करेंगे तो ज़िन्दगी में बरकत ही नहीं बल्कि अल्लाह की रज़ा व खुशनूदी भी हासिल होगी इंशाअल्लाह, तो चलिये Allah Ke 99 Naam With Benefits In Hindi की एक और नूरानी पोस्ट को पढ़ कर अपनी जुबान को इन ख़ूबसूरत नामों के ज़िक्र से तर करें, अल्लाह आपका और हमारा हामी व मददगार हो, आमीन
Allah Ke 99 Naam With Benefits In Hindi Part 5
81. अत-तव्वाब (At-Tawwaab)
( तौबा क़ुबूल करने वाला, तौबा की तौफ़ीक़ देने वाला )
जो इस नाम को चाश्त की नमाज़ के बाद 360 बार इस नाम को पढ़ा करे इंशाअल्लाह उसे सच्ची तौबा की तौफ़ीक़ मिलेगी
जो इस नाम को लिखे और शराब के आदी को पिलाये तो उसकी आदत छूट जाएगी
82. अल-मुन्तकिम (Al-Muntaqim)
( बदला लेने वाला )
जो शख्स हक़ पर हो और दुश्मन से बदला लेने की क़ुदरत उस में न हो, तो वो 3 जुमे तक “या मुन्तकिमु” खूब पढ़े अल्लाह तआला उसके दुश्मन से ख़ुद इंशाअल्लाह इन्तेकाम लेंगे
83. अल-अफुव्व (Al-Afuww)
( बहुत माफ़ करने वाला )
जो इस नाम को खूब पढ़ेगा अल्लाह तआला उसके गुनाहों को माफ़ फरमा देंगे और अच्छे अमल की तौफ़ीक़ देंगे
84. अर-रऊफ़ (Ar-Rauf)
( बड़ा महरबान, बहुत ही शफीक़ )
जो किसी मजलूम को ज़ालिम के हाथ से छुड़ाना चाहे तो “या रऊफु” 10 बार पढ़े इंशाअल्लाह खलासी मिलेगी
85. मालिकुल-मुल्क (Malikul-Mulk)
( सारे जहाँ का मालिक )
जो शख्स या मालिकुल मुल्क को पढ़ता रहेगा अल्लाह तआला उसको गनी और लोगों से बेनियाज़ फरमा देंगे और वो किसी का मोहताज नहीं रहेगा
जो शख्स अपनी हुकूमत की मज़बूती चाहता हो वो इस नाम को खूब पढ़े
86. ज़ुल-जलालि वल-इकराम (Zul-Jalali Wal-Ikram)
( अज़मत व जलाल, इनआम व इकराम वाला )
जो शख्स “या ज़ल जलालि वल इकराम बियदिकल खैर व अन्ता अला कुल्लि शैइन क़दीर” 100 बार पढ़ कर पानी पर दम करे और वो पानी बीमार को पिलाये तो इंशाअल्लाह बीमार शिफ़ा पायेगा, अगर दिल ग़मगीन होगा तो उसमें सुरूर भर जायेगा
87. अल-मुक्सित (Al-Muqsit)
( अद्ल व इन्साफ करने वाला )
जो इस नाम को 100 बार पढ़ेगा वो शैतान के वस्वसे और शर से बेख़ौफ़ हो जायेगा
जो इस नाम को रोज़ाना पढ़ा करे इंशाअल्लाह शैतानी वस्वसों से महफ़ूज़ रहेगा (ये नाम इबादत में वस्वसों का बेहतरीन इलाज है )
88. अल-जामिऊ (Al-Jamiu)
( सब को जमा करने वाला )
अपने बिछड़े हुए रिश्तेदारों से मिलने के लिये इस नाम को 114 बार पढ़ना खुले आसमान के नीचे बहुत फ़ायदेमंद है
जाएज़ मुहब्बत के लिए ये दुआ बहुत फ़ायदेमंद है “अल्लाहुम्मा या जामिअन नासि लियौमिल ला रैबा फ़ीहि इजमअ’ दाल्लती”
89. अल-गनिय्यु (Al-Ganiyyu)
( बड़ा बेनियाज़ )
जो जुमेरात के दिन इस नाम को 1000 बार पढ़ेगा इंशाअल्लाह दौलत पायेगा
90. अल-मुगनी (Al-Mugni)
( गनी और बेनियाज़ करने वाला )
जो दस जुमों तक हर जुमे को 1000 बार इस नाम को पढ़ेगा इंशाअल्लाह वो तमाम मख्लूक़ से बेनियाज़ हो जायेगा
जो बहुत मुफ़लिस और ग़रीब हो तो फ़ज्र के वक़्त फ़र्ज़ और सुन्नत के दरमियान 200 बार, और जुहर, असर, मगरिब के बाद 200 बार और ईशा के बाद 300 बार ये नाम पढ़े इंशाअल्लाह वो किसी का मोहताज नहीं रहेगा और वो गनी हो जायेगा
जिस जगह तकलीफ़ हो वो ये नाम पढ़ कर दम करने से इंशाअल्लाह वो तकलीफ़ जाती रहेगी

91. अल-मानिउ (Al-Maniu)
( हलाकत व तबाही को रोकने वाला )
अगर बीवी से झगड़ा या नाचाकी हो तो बिस्तर पर लेटते वक़्त 20 बार ये नाम पढ़ा करे इंशाअल्लाह झगड़ा ख़त्म हो जायेगा और आपस में मुहब्बत पैदा होगी
जो इस नाम को 100 बार पढ़ेगा इंशाअल्लाह दो लोगों के दरमियान लड़ाई ख़त्म हो जाएगी
अगर किसी ख़ास मक़सद के लिए ये नाम पढ़ा जाये तो इंशाअल्लाह वो मक़सद पूरा होगा
92. अद-दार्रू (Ad-Darru)
( नुक़सान पहुँचाने वाला )
जो शख्स जुमा की शब् में 100 बार इस नाम को पढ़े वो इंशाअल्लाह तमाम ज़ाहिरी और बातिनी आफ़तों से इंशाअल्लाह महफूज़ रहेगा
93. अन-नाफ़िउ (An-Nafiu)
( फ़ायदा और नफ़ा पहुँचाने वाला )
जो सवारी पर सवार होने के बाद या नाफ़िउ ख़ूब पढ़े इंशाअल्लाह तमाम आफ़तों से महफूज़ रहेगा
अगर कोई काम शुरू करते वक़्त 41 बार “या नाफ़िउ” पढ़े इंशाअल्लाह वो काम मंशा के मुताबिक़ होगा
जो हज के सफ़र में इसको पढ़ा करे इंशाअल्लाह खैरियत से वापस आएगा
94. अन-नूर (An-Noor)
( बहुत रौशन, रौशन करने वाला )
जो शबे जुमा में 7 बार सूरह नूर और 1000 बार इस नाम को पढ़ा करे इंशाअल्लाह उसका दिल अल्लाह के नूर से मुनव्वर हो जायेगा
जो इस नाम को “अन नफ़िउ” के साथ मिला कर पढ़ा करे और मरीज़ पर दम करे तो इंशाअल्लाह शिफ़ा मिलेगी
95. अल-हादी (Al-Hadee)
( हिदायत देने वाला )
जो 1100 बार “या हादी इह्दिनस सिरातल मुस्तक़ीम” ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ लिया करे उसे इंशाअल्लाह सीधे रास्ते की हिदायत मिल जाएगी
जो कोई सफ़र पर हो और रास्ता न मिले तो वो कहे “या हादी इहदि” इंशाअल्लाह रास्ता मिल जायेगा
96. अल-बदीउ (Al-Badee’u)
( बेमिसाल पैदा करने वाला )
जिस शख्स को कोई मुसीबत या गम या कोई मुश्किल पेश आ जाये तो वो 1000 हज़ार बार “या बदीअस समावाति वल अरदि” पढ़े इंशाअल्लाह मुश्किलों का हल निकल आएगा
जो इस नाम को खूब पढ़ेगा उसे अल्लाह तआला की तरफ से इल्म व हिकमत अता की जाएगी और अल्लाह तआला उसकी ज़ुबान से उन उलूम को जारी फरमाएगा जिन को वो पहले नहीं जानता था
97. अल-बाक़ी (Al-Baqi)
( हमेशा बाक़ी रहने वाला )
जो शख्स इस नाम को 1000 बार जुमा की रात में पढ़ेगा अल्लाह तआला उसको हर तरह के नुक़सान से महफूज़ रखेंगे और उसके तमाम नेक आमाल क़ुबूल होंगे और गम से छुटकारा मिलेगा
98. अल-वारिस (Al-Waaris)
( तमाम चीज़ों का हक़ीकी मालिक, हर चीज़ के फ़ना होने के बाद ज़मीन और उसकी तमाम चीज़ों का असली मालिक )
जो इस नाम को ख़ूब पढ़ता रहेगा उसके माल में बरकत होगी उसके तमाम काम पूरे होंगे और वो अमन में रहेगा
99. अर-रशीदु (Ar-Rasheed)
( सब को सही राह दिखने वाला )
जिसको अपने किसी काम या मक़सद या तदबीर समझ में न आये वो मगरिब और ईशा के दरमियान 1000 बार “या रशीदु” पढ़े इंशाअल्लाह ख्व़ाब में तदबीर नज़र आ जाएगी
सही फ़ैसले की तरफ़ रहनुमाई चाहता हो तो तो इस नाम को ईशा के बाद पढ़ना बहुत फायदेमंद है
100. अस-सबूर (As-Saboor)
( बहुत बर्दाश्त करने वाला )
किसी भी ज़रुरत को पूरा करने के लिए 298 बार रोज़ाना पढ़े
कोई शख्स अगर किसी मुसीबत में पड़ गया हो तो 1020 बार इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह नजात पायेगा और और दिल को सुकून मिलेगा
अल्लाह इन नामों के सदके हमारी मुश्किलें आसान फ़रमाए और इन पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, आमीन
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