Ayatul Kursi (आयतुल कुर्सी) जो कि सूरह नहीं है बल्कि सूरह अल-बक़रह की 286 आयतों में से सिर्फ़ एक आयत है। लेकिन इस आयत के बारे में हदीस में बड़ी फ़ज़ीलत आई है कि ये आयत शैतान से बचाती है, हिफाज़ती कवच, रूहानी सुकून और बरकत अता करती है,। इसीलिए आज हम जानेंगे कि आयतुल कुर्सी को पढ़ने से क्या-क्या फ़ायदे (Ayatul Kursi Ke Benefits In Hindi ) हासिल होते हैं, और कैसे ये एक आयत हमारी ज़िंदगी को नूर और इत्मिनान से भर सकती है।
आयतुल कुर्सी का तरजुमा |
The Meaning and Translation of Ayatul Kursi
Translation Of Ayatul Kursi
अल्लाह वो है जिसके सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं, जो सदा ज़िन्दा है, पूरी कायनात को संभाले हुए है, उसे न ऊँघ आती है न नींद, ज़मीन और आसमानों में जो कुछ है सब उसी का है, कौन है जो उसके सामने उसकी इजाज़त के बगैर किसी की सिफ़ारिश कर सके, वो सारे बन्दों के तमाम आगे पीछे के तमाम हालात को ख़ूब जानता है, और बन्दे उसके इल्म की कोई बात अपने इल्म के दायरे में नहीं ला सकते, सिवाय इस बात के जिसे वो ख़ुद चाहे, उसकी कुर्सी ने सारे आसमानों और ज़मीनों को घेरा हुआ है, और उन दोनों की निगेहबानी से उसको ज़रा भी बोझ नहीं होता, और वो बड़ा आली मक़ाम और साहिबे अज़मत है |
आयतुल कुर्सी इतनी फ़ज़ीलत और अहमियत क्यूँ हैं?
इसे कुरआन की सबसे अज़ीम आयत कहा गया है, क्योंकि इसमें अल्लाह तआला की ज़ात, उसकी कुदरत, इल्म, और हिफाज़त का बयान ऐसे असर अन्दाज़ तरीक़े से किया गया है कि इंसान का दिल तौहीद से भर जाता है और वो कह उठता है “अल्लाहु अकबर” और जब आप आयतुल कुर्सी के अल्फ़ाज़ अपनी जुबान पे लाते हैं तो वो अल्फ़ाज़ आपके दिल और रूह को अल्लाह की हिफ़ाज़त और अमान में सौंप देते हैं।
Ayatul Kursi Ke Benefits In Hindi
1. हिफाज़त और अमन
आयतुल कुर्सी जब हम पढ़ लेते हैं तो हमारा वुजूद अल्लाह तआला की हिफाज़त में आ जाता है। और इसके बारे में हदीस में आता है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
“अगर कोई शख़्स रात को सोने से पहले आयतुल कुर्सी पढ़ ले, तो अल्लाह एक फ़रिश्ता मुक़र्रर कर देता है जो सारी
रात उसकी निगहबानी करता है, और शैतान उसके क़रीब नहीं आता।”
(सहीह अल-बुख़ारी)
एक और हदीस में है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
“जो शख़्स हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़े, उसके और जन्नत के दरमियान सिर्फ़ मौत का फ़ासिला
बाक़ी रहता है।”
(अन-नसाई, हसन हदीस)
यानि जैसे ही उसकी आँखें बंद होंगी और इस दुनिया से जायेगा वैसे ही जन्नत में उसके इस्तेकबाल की तय्यरियाँ शुरू हो जाएँगी |
2. शैतान से महफ़ूज़ रहना
बुख़ारी शरीफ़ में है कि
अबू हुरैरा (रज़ि.) को बैतुल माल का निगरान बनाया गया था एक दिन उन्होंने एक शख्स को चोरी करते हुए पकड़ा तो उन्होंने कहा "तुझे नहीं छोडूंगा" ये देख कर उसने अपने बीवी बच्चों के वास्ता देकर माफ़ी मांगी तो हज़रत अबू हुरैरा ने उसे छोड़ दिया लेकिन एक दिन दोबारा फिर उसे पकड़ा फिर उसने वो अपनी ग़रीबी और तंगहाली का रोना रोकर निकल गया | लेकिन तीसरी बार जब वो पकड़ा गया तो हज़रत अबू हुरैरा ने कहा "अब तुझे नहीं छोडूंगा और तुझे हुज़ूर स.अ. के पास ज़रूर लेकर जाऊंगा" जब उस ने देखा कि आज नहीं बच पाऊंगा तो उस ने कहा "अगर तुम मुझे छोड़ दो मैं तुम्हें ऐसी दुआ बताऊंगा जिसको अगर तुम पढ़ लो तो एक फ़रिश्ता रात भर शैतान से तुम्हारी हिफ़ाज़त करेगा" | हज़रत अबू हुरैरा र.अ. मान गए और कहा अच्छा ठीक है बताओ तो उस ने कहा "आयतुल कुर्सी अगर तुम पढ़ लो शैतान से एक फ़रिश्ता रात भर तुम्हारी हिफ़ाज़त करेगा" ये सुन कर हजरत अबू हुरैरा ने उसे छोड़ दिया फिर सुबह जब हुज़ूर स.अ. से वाकिया बयान किया तो आप स.अ. ने पुछा "ए अबू हुरैरा तुम्हें पता है वो कौन था" तो हज़रत अबू हुरैरा र.अ. ने कहा "नहीं" तो आप ने फ़रमाया "वो शैतान था जो कि हमेशा झूट बोलता है लेकिन इस बार बचने के लिए सच बोल गया" (सहीह बुख़ारी)
यानि शैतान ने ख़ुद उन्हें आयतुल कुर्सी पढ़ने की तालीम दी, और कहा कि “जो इसे पढ़ लेता है, वो शैतान से महफूज़ हो जाता है।”
3. घर में बरकत और सुकून
किसी भी घर में अगर रोज़ाना आयतुल कुर्सी को पढ़ लिया जाए, तो यक़ीनन जिन्नात या शैतान उस घर में दाख़िल नहीं होते। क्यूंकि ये आयत सुरक्षा कवच अता करती है जिससे आपका घर बे बरकती, झगड़ों और परेशानियों से महफूज़ हो जाता है इसके बारे में रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“जिस घर में आयतुल कुर्सी पढ़ी जाती है, वहाँ से शैतान भाग जाता है।”
(तिर्मिज़ी)
आयतुल कुर्सी को कब और किस वक़्त पढ़ें?
1. हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ें
रसूलुल्लाह ﷺ के हुक्म के मुताबिक़ आयतुल कुर्सी हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ी जाए। तो बेहतर रहेगा कि आप डेली का मामूल बना लें कि हर नमाज़ के बाद एक बार ये आयत पढ़ना है, चंद लम्हे लगेंगे मगर उसका असर आपको सबसे बड़े दुश्मन से महफूज़ रखेगा |
2. सोने से पहले तिलावत करें
जैसा कि ऊपर हदीस में गुज़रा कि जो सोने से पहले पढ़ ले, तो अल्लाह उस पर एक फरिश्ता मुक़र्रर कर देते हैं, और शैतान सुबह तक उस पर ग़ालिब नहीं आ सकता। इसलिए बिस्तर पर जाने से पहले पढ़ कर दम कर लिया करें, एक बार खुद पर, और एक बार अपने घर पर इंशाअल्लाह आप और आपका घर दोनों महफूज़ रहेंगे।
3. सुबह और शाम की आदत बनाएं
जैसे सुबह उठकर दुआएं पढ़ी जाती हैं, वैसे ही आयतुल कुर्सी को भी सुबह और शाम का रूटीन बना लीजिये, तो ये पूरा दिन और रात अल्लाह की हिफाज़त में गुज़ारने का एक अमल बन जाता है। तो सुबह जब घर से निकलने लगें और फिर शाम को घर लौट आने के बाद एक बार तिलावत ज़रूर करें।
4. बच्चों को याद करवाएँ
अगर आप अपने बच्चों को आयतुल कुर्सी याद करवाते हैं, तो ये उनकी ज़िंदगी का रूहानी हिफाज़ती कवच बन जाएगा। बचपन से इस आयत की तालीम देने से उनके दिल में अल्लाह पर भरोसा और ईमान की मजबूती पैदा होती है।
5. घर में रूहानी माहौल बनाएँ
घर के चारों कोने में, आयतुल कुर्सी की तिलावत रोज़ाना करें और वहां पर पढ़ कर दम कर दें इससे शैतान घर में दाख़िल नहीं हो पायेगा। और घर में बरकत, सुकून और रहमत में इंशाअल्लाह कोई रुकावट नहीं आयेगी। और बच्चों को भी आयतुल कुर्सी याद करवायें, जिससे उनके आसपास रूहानी हिफाज़ती कवच बन जाएगा और अनजान ख़तरों से महफूज़ रहेंगे |
आयतुल कुर्सी हिन्दी में सुनने के लिए क्लिक करें
आख़िर में…..
चलिए हम सब तय करें कि अपनी ज़िन्दगी के 2-3 मिनट इंशाअल्लाह हम इस आयत को ज़रूर देंगे, जिससे हमारी दुनिया और आखिरत दोनों संवरने वाली है अल्लाह त आला हम सबको अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, आमीन आपको ये पोस्ट (Ayatul Kursi Ke Benefits In Hindi) अच्छी लगी हो तो शेयर ज़रूर करिए, जज़ाकल्लाह