क़ुरबान जाइए हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर, जिनकी बातें और काम (जिनको हदीस कहा जाता है) हमारे लिए अनमोल ख़ज़ाना हैं, और ये हदीसें सिर्फ़ ये नहीं बताती कि इबादत कैसे करना है बल्कि ये भी बताती हैं कि हमारे अख़लाक़ कैसे हों, मुआशरे में हम कैसे रहें, रिश्तेदारों के साथ और अजनबियों के साथ कैसे रहें। इसीलिए आज हम Top 20 Hadees Quotes In Hindi With Translation पेश करेंगे |
जिनसे आप को सीखने को मिलेगा कि इंसान की दुनिया और आख़िरत दोनों की कामयाबी किस में है, और हदीस हमें सिखाती हैं कि कैसे अल्लाह से सच्चा राब्ता क़ायम किया जाए, इंसानों के हुक़ूक़ कैसे अदा किए जाएं और कैसे एक पाकीज़ा ज़िन्दगी गुज़ारी जाए।
Top 20 Hadees Quotes In Hindi With Translation
1. फ़रिश्ते हर रोज़ किसके लिए दुआ करते हैं?
नबी ﷺ ने फ़रमाया:
"तालिबे इल्म के लिए फ़रिश्ते अपने पंख बिछाते हैं और उसके लिए दुआ करते हैं।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 2682
2. अख़्लाक़ वाले का दरजा
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"क़यामत के दिन मुझसे सबसे क़रीब वो होगा जिसका अख़्लाक़ सबसे अच्छा होगा।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 2018
3. मुस्कुराहट – सुन्नत और सदक़ा
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"अपने भाई से मुस्कुराकर मिलना भी सदक़ा है।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 1956
4. अल्लाह किससे प्यार करता है?
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"अल्लाह उन से मोहब्बत करता है जो अल्लाह के लिए मोहब्बत करते हैं और माफ़ करने वाले होते हैं।"
सहीह मुस्लिम, हदीस नं. 2567
5. सबसे बेहतरीन लोग
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"तुम में सबसे बेहतर वो है जो लोगों के लिए सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद हो।"
मुस्नद अहमद, हदीस नं. 23408
6. मस्जिद की मोहब्बत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"जिसका दिल मस्जिद से लगा रहे, वह क़यामत के दिन अल्लाह के अर्श के साए में होगा।"
सहीह बुख़ारी, हदीस नं. 660
7. रहम करने वाले
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"रहम करने वालों पर रहमान रहम करता है, ज़मीन वालों पर रहम करो, आसमान वाला तुम पर रहम करेगा।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 1924
8. मुलाक़ात में मग़फ़िरत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"दो मुसलमान जब मिलते हैं और हाथ मिलाते हैं, तो उनके गुनाह ऐसे गिरते हैं जैसे पेड़ से पत्ते गिरते हैं।"
मुस्नद अहमद, हदीस नं. 23485
9. क़ुरआन पढ़ने का सवाब
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"जो क़ुरआन की एक हरफ़ पढ़े, उसके लिए एक नेकी है और हर नेकी का सवाब दस गुना है।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 2910
10. माफ़ करने की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"जो माफ़ कर देता है, अल्लाह उसका दर्जा बुलंद कर देता है।"
मुस्नद अहमद, हदीस नं. 16546
11. ग़ुस्से को रोकना
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"ताक़तवर वह नहीं जो पहलवान हो, बल्कि ताक़तवर वह है जो ग़ुस्से के वक़्त अपने आप को काबू में रखे।"
सहीह बुख़ारी, हदीस नं. 6114
12. पड़ोसी का हक़
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"वह मोमिन नहीं जिसका पेट भरा हो और उसका पड़ोसी भूखा हो।"
मुस्नद अहमद, हदीस नं. 9676
13. इमान का हुस्न
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"तुम में से कोई मोमिन नहीं हो सकता जब तक कि वह अपने भाई के लिए वही पसंद न करे जो
अपने लिए पसंद करता है।"
सहीह बुख़ारी, हदीस नं. 13
14. मुस्कुराहट की अहमियत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"अपने भाई को खुशी से देखना भी सदक़ा है।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 1963
15. इल्म की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"इल्म की तलाश हर मुसलमान मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है।"
इब्ने माजह, हदीस नं. 224
16. रात का नफ़्ल नमाज़
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"रात की नमाज़ (तहज्जुद) के बाद फ़ज्र से पहले कोई नफ़्ल बेहतर नहीं।"
सहीह मुस्लिम, हदीस नं. 1163
17. दुनिया की हकीकत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"दुनिया मोमिन के लिए कैदख़ाना और काफ़िर के लिए जन्नत है।"
सहीह मुस्लिम, हदीस नं. 2956
18. अल्लाह के ख़ज़ाने
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"'ला हौल वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह' कहना जन्नत के ख़ज़ानों में से है।"
सहीह बुख़ारी, हदीस नं. 7386
19. दुआ की क़ुबूलियत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"दुआ इबादत का सार है।"
जामिअ तिर्मिज़ी, हदीस नं. 3371
20. सच्चाई की अहमियत
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
"सच्चाई नेकी की तरफ़ ले जाती है, और नेकी जन्नत की तरफ़।"
सहीह मुस्लिम, हदीस नं. 2607