5 Facts About 99 Names Of Allah | अल्लाह के 99 नामों की 5 अहम बातें

जब हम किसी मुश्किल में होते हैं तो एक ही नाम आता है अल्लाह और जब भी हम याद करते हैं कि इस सारी कायनात से कोई सिर्फ़ बड़ा ही नहीं है बल्कि इस कायनात को चला भी रहा है तो जुबां और दिल में एक ही नाम आता है अल्लाह क्यूंकि हम जानते हैं कि हमारे पैदा करने वाले रब का नाम अल्लाह है और जब भी हम उसे पुकारते हैं तो इसी नाम से पुकारते हैं  

लेकिन क्या आपको मालूम है अल्लाह का सिर्फ़ यही एक नाम नहीं बल्कि इसके अलावा 99 और नाम हैं जिनको अस्माए हुस्ना Asma-e-Husna (अच्छे अच्छे नाम) भी कहते हैं, क़ुरआन और हदीस में इनके पढ़ने और समझने और याद करने की बड़ी फ़ज़ीलत आई है और फ़ज़ीलत भी ऐसी कि इन नामों को याद करने और समझने वाला जन्नत का हक़दार बन जायेगा

तो हमें चाहिए कि जब भी हम अल्लाह को पुकारें तो इन नामों से भी पुकारें जैसे या रहमान, या रहीम, या मलिकुल मुल्क, या गफ्फार, या गफूरुर रहीम वगैरा जितने नाम हैं सब नामों से अल्लाह को पुकारें क्यूंकि हर एक नाम की अलग ख़ासियत है, इस से पहले कि आप इन नामों को पढ़ें, 5 Facts About 99 Names Of Allah  के बारे में कुछ ख़ास बातें जानना बहुत ज़रूरी है तो इसीलिए हम ने यहाँ पर अल्लाह के 99 नाम से मुताल्लिक़ 5 अहम् बातें ज़िक्र की हैं

5 Facts About 99 Names Of Allah

5 Facts About 99 Names Of Allah |

अल्लाह के 99 नामों की 5 अहम बातें

1. ख़ुद अल्लाह तआला ने इन नामों से पुकारने का हुक्म दिया है

अल्लाह तआला ने क़ुरआने पाक में फ़रमाया है ولله الأسماء الحسنى فادعوه بها और अल्लाह त आला के अच्छे अच्छे नाम हैं तो तुम उसको उन्ही नामों के ज़रिये पुकारो, यानि जब हम दुआ करना शुरू करें तो अल्लाह के अच्छे अच्छे नामों से पुकार कर दुआ करें जैसे या सलाम, या अज़ीज़ या रहमान वगैरा, तो हमें चाहिए कि हम अपने रब के प्यारे प्यारे नामों के ज़रिये उस से दुआ करें और ही नामों से उसका ज़िक्र करें क्यूंकि हर नाम के ज़िक्र का अलग अलग फ़ायदा है जैसे

  • अल-गफ्फार के ज़िक्र से गुनाहों की माफ़ी और तौबा मिलती है
  • अल-हकीम के ज़िक्र से इल्म में बढ़ोतरी और सही फ़ैसला करने की अक्लमंदी मिलती है
  • और आर-रहमान से रहमत और सुकून हासिल होता है
  • अल्लाह के ज़िक्र से ही दिलों को सुकून मिला करता है

2. अल्लाह के 99 नाम याद करने से जन्नत मिलती है

हज़रत अबू हुरैरा (रज़ियल लाहु अन्हु) से रिवायत है कि रसूलुल लाह (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया : बेशक अल्लाह तआला के 99 नाम हैं जिसने इनको महफ़ूज़ कर लिया (यानि उन को याद कर लिया और ईमान लाया) वो जन्नत में ज़रूर जायेगा

क्या अल्लाह के नामों को दिल में महफ़ूज़ करने के लिए इन्हें याद करने के लिए ये हदीस काफ़ी नहीं है अगर कोई यक़ीन वाला शख्स इस हदीस को सुनेगा तो यक़ीनन वो इन नामों के ज़िक्र में मगन हो जायेगा उस वक्त तक जब तक इन नामों के अन्दर छुपे हुए ख़ज़ानों को न पा ले |

लेकिन अक्सर लोग ऐसा नहीं करते इसी लिए इन नामों की कुछ ख़ासियतें और फ़ायदे भी यहाँ पर बयान किये गए हैं, अल्लाह वालों ने इन अच्छे अच्छे नामों के ज़िक्र से जो फ़ायदे हासिल किये, उसको लिख दिया ताकि और लोगों को भी इन नामों के फ़ायदे का इल्म हो जाये और जानकारी हो जाये तो वो भी इससे फ़ायदा उठा सकें

3. अल्लाह के सामने कोई चीज़ नामुमकिन नहीं

अस्माए हुस्ना की इन ख़ासियतों को देख कर कुछ लोग कहते हैं चन्द बार पढ़ लेने से इतना बड़ा फ़ायदा कैसे हो सकता है, ऐसे लोगों से बस इतना कहा जा सकता है कि पहले देख लो कि नाम किसके हैं, उसके जिसके सामने दुनिया की कोई चीज़ भी ना मुमकिन नहीं है क़ुरआन में है

إِنَّ اللَّهَ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
जिसका तरजुमा है :बेशक अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है।”

यानि वो हर चीज़ को एक इशारे में तबाह भी कर सकता है और एक ही इशारे में आबाद भी कर सकता है, वो मिट्टी के पुतले से इंसान को जीता जागता इंसान बना सकता है फिर मौत देकर एक दिन दोबारा फिर से क़यामत के दिन जिन्दा कर सकता है कोई भी चीज़ उसकी पहुँच से दूर नहीं है

4. नामों के पढ़ने का मक़सद अल्लाह को राज़ी करना

अल्लाह की रज़ा और ख़ुश करने के लिए पढ़ना : पहली बात तो यही होनी चाहिए कि नफ़ा देना और नुक़सान से बचाना ये सब सिर्फ़ अल्लाह के ही हाथ में है, इसलिए इन नामों का ज़िक्र सिर्फ़ अल्लाह को खुश करने के लिए करें और हाँ वो वज़ीफ़ा असर भी तब ही करेगा जब अल्लाह को राज़ी करने के लिए किया जाये |

सिर्फ़ अपने फ़ायदे के लिए पढ़ना : अगर सिर्फ़ फ़ायदे जिसके लिए हम पढ़ रहे हैं तो वो फ़ायदे तो हम को हासिल होंगे ही, लेकिन अल्लाह की रज़ा जिसको हमें सब से पहले रखना चाहिए था उसको पीछे कर दिया सिर्फ़ अपना फ़ायदा ही दिखा, बस हम अल्लाह को राज़ी करने की नियत कर लें, और जब अल्लाह तआला राज़ी होंगे तो सारे फ़ायदे तो वैसे ही हासिल होते चले जायेंगे |

5. पहले अपनी इस्लाह करने वाले नामों से शुरुआत करना

ख़ास मक़सद के लिए ख़ास नामों को चुन कर पढ़ना बुरा नहीं है लेकिन अच्छी बात ये है कि उन नामों को पहले पढ़ा जाये जो दिल की दुनिया दुरुस्त करने वाले हों और अल्लाह से मुहब्बत को बढ़ाने वाले हों उसके बाद दुसरे नामों और फ़ायदों की तरफ बढ़े

नोट : अस्माए हुस्ना ( इन नामों से ) का फ़ायदा वही लोग उठा पाते हैं जो इन नामों के मतलब जानते हों और अल्लाह की उस ख़ूबी पर ईमान रखते हों ( यानि जैसे अल खालिकु पैदा करने वाला तो अब सौ परसेंट यक़ीन होना चाहिए कि हाँ बेशक अल्लाह ही पैदा करने वाला है और किसी के अन्दर पैदा करने की सलाहियत नहीं है ) इस यक़ीन के साथ ज़िक्र शुरू करे यक़ीनन अल्लाह तमाम मुरादें पूरी करने वाले हैं

हमें क्या करना चहिये ?

ये सारे नाम अपने घर में सभी लोग यहां तक कि बच्चों को भी याद कराये, और उनके ज़िक्र की पाबंदी करें इस से आपके घरों और महफ़िलों में इमानी नूर आएगा और रूह को रोहानी सुकून मिलेगा क्यूंकि क़ुरान और हदीस में इन नामों के याद करने की बड़ी फ़ज़ीलत और फ़ायदे ज़िक्र किये गए हैं |

तो ये थे 5 Facts About 99 Names Of Allah उम्मीद है कि पढ़ कर आपका ईमान ताज़ा हुआ होगा और अल्लाह की कुदरत पर यकीन और मज़बूत हुआ होगा और allah ke 99 naam याद करने और समझने में मोटिवेशन मिली होगी, अल्लाह in ख़ूबसूरत नामों के बदले हमारी दुनिया व आख़िरत बेहतर बना दे, आमीन |

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