हम जब भी नमाज़ पढ़ते हैं तो हमारी नमाज़ तो छोड़ो, एक रकात भी मुकम्मल नहीं होती जब तक हम surah fatiha न पढ़ लें क्येयूंकि इस सूरह को हर नमाज़ की हर रकात के लिए वाजिब और जरूरी बताया गया है और ये ऐसी सुरह है जो क़ुरआन में सब से पहले आई है, इसका एक नाम शिफ़ा भी है यानि हर बीमारी का इलाज इस सूरह में मौजूद है इसके साथ साथ इसके बड़े फ़ायदे और फ़ज़ीलतें बताई गयी हैं, तो चलिए आज हम Surah Fatiha Ke Fayde और Surah Fatiha Ke Fazail बताएँगे जो आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं |
Facts Of Surah Fatiha In Hindi
- सूरह फ़ातिहा क़ुरान पाक की पहली सूरत है
- ये मक्का में नाज़िल हुई, इस में सात आयतें हैं और एक रुकू है
- और नाज़िल होने में भी पहली और मुकम्मल सूरह, सूरह फ़ातिहा ही है ( क्यूंकि इस से पहले मुकम्मल सूरह कोई भी नाज़िल नहीं हुई जब नाज़िल हुई, तो कुछ आयतें ही नाज़िल हुई थीं )
- इस सूरह में अल्लाह तआला ने बताया है कि माँगना कैसे है, और ये भी बताया है कि क्या माँगना है, वो है हिदायत जो मांगने की असल चीज़ है
- इस में अल्लाह तआला बताते है कि किन लोगों के साथ मिलकर रहना चाहिए, और किन लोगों से दूर रहना चाहिए ( यानि अल्लाह तआला ने जिन लोगों पर इनआम किया है, उन लोगों से मिल कर रहना चाहिए और जिन पर अल्लाह का गुस्सा नाजिल हुआ या जो गुमराह हुए, उनसे बच कर रहना चाहिए
- इस सूरह का नाम सूरह शिफ़ा भी है ( इसीलिए सहाबा किराम बुख़ार, सर दर्द और कई बीमारियों से शिफ़ा के लिए इसे पढ़ कर दम किया करते थे )

5 Benefits of Surah Fatiha | सूरह फ़ातिहा के फ़ायदे
इस पर उलमा और बुज़ुर्गाने दीन ने अपने तजुर्बे बयान किये हैं और फ़ायदे हासिल किये हैं वो नीचे बयान किये जा रहे हैं
1. बीमारी से बचने का नुस्खा
कोई अगर बहुत ज़्यादा बीमार रहता है, या बीमारी से बचना चाहता है तो फ़ज्र की सुन्नत और और फ़र्जों के दरमियान 41 बार सूरह फ़ातिहा ( Surah fatiha ) पढ़ा करे तो अल्लाह तआला दुनिया के सारे ख़ज़ाने उसको अता करेंगे, जिस्मानी सेहत भी देंगे, रोहानियत का मर्तबा भी बलंद कर देंगे, इंशाअल्लाह हर परेशानी से वो बचेगा |
2. ऑटिज्म (Autism) की बीमारी से शिफ़ा के लिए
अगर बच्चों को ऑटिज्म (Autism) की बीमारी हो गयी हो, जो कि 3 से 4 साल तक के बच्चों को हो जाती है तो उसके लिए ये वज़ीफ़ा बहुत उम्दा है और इसका कई बार तजरिबा किया गया है कई लोगों ने इस से फ़ायदा उठाया है
वज़ीफ़ा ये है कि जब फ़ज्र की अज़ान हो तो आप पहले सुन्नत पढ़िए उसके बाद 41 बार सूरह फ़ातिहा ( Surah fatiha )पढ़ कर पानी पर और बच्चे पर फूंक दीजिये तब फ़र्ज़ नमाज़ के लिए खड़े हो, और ऐसा 41 दिन तक करे इंशाअल्लाह आप ख़ुद तब्दीली महसूस करेंगे |
3. कोई भी मुश्किल ख़त्म करने के लिए
अगर कोई शख्स मुश्किलों और परेशानियों में घिरा रहता हो लेकिन हालात हैं कि बदलने का नाम ही नहीं ले रहे तो उसको ये वज़ीफ़ा ज़रूर करना चाहिए (जैसा ऊपर बताया गया) कि फ़ज्र की अज़ान के बाद सुन्नत और फ़र्ज़ के दरमियान सूरह फ़ातिहा ( Surah fatiha ) 41 बार इस तरह पढ़े, अगर कोई इस तरह पढ़ने की आदत डाल लेता है तो जो भी मुश्किल उसकी ज़िन्दगी में होगी ख़त्म हो जाएगी
(ऊपर बताये गए तीनों वजीफों को इस तरह पढ़ना है कि बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम की मीम को अलहम्दु से मिला कर पढ़े ( जैसे बिस्मिल लाहिर रहमानिर रहीमिल हम्दु लिल लाहि रब्बिल आलमीन ) और फिर पूरी अलहम्दु शरीफ़ पढ़ डालें )
4. गरीबी से बचने और मालदार बनने का नुस्खा
अगर आप माली परेशानी से दो चार है और उस तंगी से बचना चाहते हैं, और चाहते हैं कि किसी के मोहताज न हों तो इस्लामी महीना जैसे शुरू हो तो उस महीने का जो पहला सनीचर ( Saturday ) आये तो उस दिन 70 बार सूरह फ़ातिहा (surah fatiha ) पढ़े (शुरू और आख़िर में दुरूद शरीफ़) |
फिर हर दिन 10 कम करता जाये, जैसे इतवार को 60 बार पढ़े, उसके बाद पीर को 50 बार पढ़े, मंगल को 40 बार पढ़े, और इसी तरह बुध को 30 बार पढ़े, जुमेरात को 20 बार और जुमे को 10 बार पढ़े |
फिर जब दूसरा हफ्ता शुरू हो, तो इसी तरह फिर 70 बार और हर दिन 10 कम करता चला जाये, तो अगर ये मामूल बना लिया तो इंशाअल्लाह मालो दौलत से मालामाल रहेगा, और वो किसी का मोहताज नहीं रहेगा |
नोट : जिन लोगों ने भी इस वजीफे को अपनाया है वो माली, रोहानी, जिस्मानी हर तरह से मालामाल हो गए
5. मेमोरी मज़बूत करने के लिए | Memory Booster Wazifa
जिसकी Memory (हफिज़ा) कमज़ोर हो, तो वो असर के बाद 41 बार सूरह फ़ातिहा पढ़े (शुरू और आख़िर में दुरूद शरीफ़) फिर उसको अपने सीने पर दम कर ले हो सके तो पानी पर भी दम कर के पी ले तो इंशाअल्लाह अल्लाह की जानिब से लाजवाब हाफ़िज़ा (Memory) अता होगी
एक दूसरा तरीक़ा पढ़ने का ये है कि 41 बार सूरह फ़ातिहा पढ़ें और पानी पर दम कर दें और जब सुबह सूरज निकल रहा हो तब वो पानी पी लें
(आज कल बड़ा हो या छोटा सभी लोग अपनी याददाश्त कमज़ोर होने की शिकायत करते हैं उनके लिए बहुत ही बहतरीन वज़ीफ़ा है)
अल्लाह तआला Surah fatiha की बरकतों से मालामाल फ़रमाए, आमीन