Surah Muzammil Ke fayde | Surah Muzammil Ki Fazilat

क़ुरान की एक मशहूर सूरह जिसका नाम मुज़म्मिल है बहुत पावरफुल सूरह है, वैसे तो सिर्फ़ 1 पेज की ही सूरह है और कोई भी इसको 3 से 4 मिनट में पढ़ लेगा और हम पढ़ते भी रहते हैं लेकिन क्या Surah Muzammil Ke fayde और इसकी पावर के बारे में जानते हैं, अगर नहीं जानते तो चलिए आज ये पोस्ट आपको एक नयी जानकारी देगी जिससे आपको आने वाली ज़िन्दगी में बड़ा फ़ायदा होगा इंशाअल्लाह |

Surah Muzammil का एक वाक़िया : मेरा ख़ुद का तजरबा है कि एक बार मैं एक आमिल साहब के पास बैठा हुआ था, तभी उनके पास एक शख्स आया जिसपर आसीबी (जिन का) असर था, उसने अपनी प्रॉब्लम बताई तो उन आमिल साहब ने उसके एक हाथ की छोटी ऊँगली पकड़ी और सूरह मुज़म्मिल पढ़ना शुरू किया, पढ़ने के दौरान (उसके कहने के मुताबिक़) उसकी आँखों के सामने अँधेरा छा गया और सूरह जब ख़त्म हुई तो उसके लगा कि जैसे कोई बोझ हल्का हो गया हो और कोई चीज़ अन्दर से निकल गयी हो |

अक्सर आमिल हज़रात सूरह मुज़म्मिल का अमल करते हैं क्यूंकि बहुत पावरफुल सूरह है बड़े बड़े मसाइल इससे हल हो जाते हैं, तो इसीलिए आज हम आपको Surah Muzammil Ke fayde बताएँगे जो वक्त पड़ने पर आपके बहुत काम आएंगे |

Surah Muzammil Ke fayde

1. तंगदस्ती से बचने के लिए

जिस घर में एक बार रोज़ाना सूरह मुज़म्मिल की तिलावत की जाती है तो उस घर में फ़क्र फाक़ा नहीं आएगा तो आज से इस सूरह की तिलावत शुरू कर दीजिये |

2. मियां बीवी में मुहब्बत पैदा करने के लिए

अगर मियां बीवी में अन बन चल रही हो या बहन भाई एक दुसरे से नाराज़ हों या इसके अलावा किन्ही दो लोगों का आपस में झगड़ा हो तो ऐसे में सूरह मुज़म्मिल 21 बार पढ़ कर किसी मीठी चीज़ पर दम कर दें और दोनों को खिला दें इंशाअल्लाह नाराज़गी ख़त्म हो जाएगी और मुहब्बत पैदा हो जाएगी |

3. ज़ुल्म ज़्यादती से बचने के लिए

आप अगर किसी जगह नौकरी करते हैं या किसी बॉस या किसी हाकिम से मिलना है और वहां ख़तरा है कि आप के साथ ज़ुल्म और ज़्यादती न हो जाये तो सूरह मुज़म्मिल का पहला रुकू 21 बार पढ़ें और दूसरा रुकू 11 बार पढ़ें और ये पढ़ कर अपने ऊपर दम कर लें इंशाअल्लाह आप पर ज़्यादती नहीं होगी और वहां पर इज्ज़त मिलेगी |

4. नौकरी पाने के लिए

अगर आप कहीं इंटरव्यू देने जा रहें हैं तो ऊपर बताया गया वज़ीफ़ा (सूरह मुज़म्मिल का पहला रुकू 21 बार पढ़ें और दूसरा रुकू 11 बार पढ़ें और ये पढ़ कर अपने ऊपर दम कर लें ) करके जाएँ इंशाअल्लाह इंटरव्यू में कामयाब होने के और नौकरी मिलने के चांसेस बढ़ जायेंगे |

5. बीमारी से शिफ़ा हासिल करने के लिए

कोई बीमार है और उसकी बीमारी डॉक्टरों को भी समझ नहीं आ रही हो तो रोज़ाना 11 बार सूरह मुज़म्मिल पढ़ कर उस पर दम कर दें इंशाअल्लाह या तो डाक्टर समझ जायेंगे कि बीमारी क्या है या तो अल्लाह तआला उसी दम किये हुए पानी से शिफ़ा दे देंगे |

6. मुसीबतें और बलाओं से बचने के लिए

रोज़ाना 11 बार अगर घर में सूरह मुज़म्मिल की तिलावत की जाये तो इंशाअल्लाह आने वाली मुसीबतें और बलाएं दफ़ा हो जाएँगी और घर में खैर और बरकत होगी |

अगर ख्व़ाब में सूरह मुज़म्मिल पढ़ते या सुनते देखा तो
  1. इसका एक मतलब ये है कि ये आदमी तहज्जुद गुज़ार था लेकिन अब वो गफलत करने लगा है यानि वो ख्व़ाब एक सबक़ है कि तहज्जुद की पाबन्दी शुरू कर दे
  2. दूसरा मतलब ये है कि हर अमल अल्लाह की मुहब्बत के हासिल करने की नियत से करेगा और इसके लिए अल्लाह तआला विलायत का रास्ता आसान कर देंगे
  3. तीसरा मतलब ये है कि इस पर रिज्क़ की तंगी होगी लेकिन वक्ती होगी और ये अमल करता रहेगा और जल्द ही रिज्क़ की फ़रावानी होगी और इसे ख़ुशहाली देखनी नसीब होगी

1. सूरह मुज़म्मिल किस पारे में है ?

सूरह मुज़म्मिल 29 वें पारे में है

2. सूरह मुज़म्मिल का सूरह नंबर क्या है ?

 ये 73 न. सूरह है और 20 आयतें हैं

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