अस्सलामु अलैकुम दोस्तों ! 99 Names Of Allah series चला रहे हैं जिसमें हम ने अल्लाह के 99 नाम और इनके बारे में 5 अहम् बातें भी ज़िक्र की, जिससे यक़ीनन आपको ख़ूब फ़ायदा हुआ होगा अब हम आपके इल्म में और इज़ाफ़ा करने जा रहे हैं, जिसमें हम बताएँगे कि हर नाम का अलग अलग क्या क्या फ़ायदा है, और 99 Names Of Allah With Benefits In Hindi कौन कौन से हैं ?
अल्लाह के 99 नाम जिनको उर्दू में अस्माए हुसना और अरबी में अस्माउल हुसना कहते हैं वो सारे नाम उनकी मीनिंग और उन नामों के फ़ायदे भी यहाँ पर लिखे जा रहे रहे हैं इनको आप पढ़ें, ज़िक्र करें अमल करें और फ़ायदा उठायें और दूसरों से भी शेयर करें, अल्लाह तआला आपकी मुश्किलों को आसन फरमाए |
गौर फरमाएं ! ख़ुदा तआला के इन नामों को पढने से पहले इन नामों के बारें में क़ुरआन में और हदीस में क्या बताया गया है और इनकी क़ुरआन और हदीस में क्या अहमियत और फ़ज़ीलत है और इसका क्या सवाब है इस के बारे हमारी ये पोस्ट ज़रूर पढ़ें |
99 Names Of Allah With Benefits In Hindi
अल्लाह | Allah
( ये ख़ुदा तआला का ख़ास नाम है )
1. रोज़ाना इस लफ्ज़ को हज़ार बार पढने से कामिल ईमान नसीब होता है
2. जुमा के दिन नमाज़े जुमा से पहले पाक साफ़ होकर तन्हाई में पढने से मक़सद आसान हो जाता है, चाहे कितना ही मुश्किल क्यूँ न हो
3. जिस मरीज़ के इलाज से डाक्टर ने जवाब दे दिया हो उस पर पढने से शिफ़ा हासिल होती है इस शर्त पर कि मौत का वक़्त न आया हो
4. 66 बार लिख कर धोकर मरीज़ को पिलाने से अल्लाह तआला शिफ़ा अता फरमाते हैं चाहे आसीब का असर क्यूँ न हो
5. जो शख्स अल्लाह का मुहब्बत की वजह से ज़िक्र करेगा और शक नहीं करेगा वो सिद्दीक़ीन में शुमार किया जायेगा
6. जो हर नमाज़ के बाद 7 बार “हुवल लाहुर रहीमु” पढ़ता रहेगा उस का ईमान सलब नहीं होगा और वो शैतान के शर से महफूज़ रहेगा
7. जो शख्स एक हज़ार बार “या अल्लाह या हुवा” पढ़ेगा उसके दिल में ईमान मज़बूत कर दिया जायेगा
8. जो शख्स जुमा के दिन असर की नमाज़ की पढ़ कर क़िबला रुख होकर मगरिब तक “या अल्लाह या रहमान” पढ़ता रहेगा फिर अल्लाह तआला से जो चीज़ मांगेगा अल्लाह तआला उसे अता फ़रमाएंगे
2. अर-रहमान | Ar-Rahman
( बड़ा महरबान, ज़बरदस्त रहम वाला )
1. इस नाम को लिख कर पानी से धोकर पिलाने से गर्म बुखार से शिफ़ा नसीब होती है
2. हर नमाज़ के बाद 100 बार ये नाम पढने से दिल की गफ़लत होती है और दुनिया के मामलात में उसकी मदद की जाती है
3. अगर कोई शख्स 41 दिन तक हर रोज़ 41 बार “या रहमान-द दुनिया वल आखिरह” पढ़ेगा उसकी ज़रूरी हाजत पूरी हो जाएगी
4. जो किसी ज़ालिम हुक्मरान के सामने जाते वक़्त “या रहमानु या रहीमु” पढ़ेगा अल्लाह तआला उसे ज़ालिम के शर से बचा लेते हैं, और खैर अता फरमा देते हैं
3. अर-रहीम | Ar-Raheem
( निहायत रहम वाला )
1. जो हर रोज़ इस नाम को 100 बार पढ़े उसे अल्लाह तआला की रहमत नसीब होती है और लोगों के दिल उसके लिए नर्म हो जाते हैं
2. जो इसको खूब पढ़ता है वो मुस्तजाबुद दावात ( जिसकी हर दुआ क़ुबूल होती है ) बन जाता है और ज़माने की मुसीबतों से महफूज़ रहता है
3. अगर किसी को ज़ालिम हुक्मरान के पास जाना पड़ जाये तो सामने जाते वक़्त “या रहमानु या रहीमु” पढ़ ले तो अल्लाह तआला उसे ज़ालिम के शर से बचा लेते हैं और खैर अता फरमा देते हैं
4. अगर कोई दौलत चाहता है और चाहता है कि अल्लाह तआला की मख्लूक़ उस पर महरबान रहे तो उसे चाहिए कि हर रोज़ ये नाम 500 बार पढ़े
5. जो कोई इस नाम को सुबह की नमाज़ के बाद 100 बार पढ़े अल्लाह तआला की तमाम मख्लूक़ उस पर महरबानी करेगी
6. जो इस नाम को सुबह की नमाज़ के बाद 555 बार पढ़ेगा तो वो ज़रूरतों से बेनियाज़ हो जायेगा
7. जो इसे रोज़ाना 100 बार पढ़े तो उसका दिल नर्म होगा यानि ये दिल की सख्ती का इलाज है
8. अगर इसे लिख कर पानी से धोकर वो पानी किसी दरख़्त में डाला जाये तो फल में बरकत होती है
4. अल-मलिक | Al-Malik
( सारे जहाँ का बादशाह )
1. जो सूरज निकलते वक़्त 3000 बार ये नाम पढ़े वो जो मुराद मांगेगा हासिल होगी
2. अगर कोई हर रोज़ सुबह फ़ज्र की नमाज़ के बाद “या मलिकु” ख़ूब पढ़ेगा तो अल्लाह त आला उसे गनी और मालामाल फ़रमा देंगे

5. अल-क़ुददूस | Al-Quddus
( निहायत पाक )
1. जो कोई हज़ार बार इस नाम को पढ़ेगा वो सब से बेपरवा हो जायेगा यहाँ तक कि नाजायेज़ शह्वतों और ख्वाहिशों से भी
2. जो शख्स दुश्मन से बचने के लिए भागते वक़्त इस नाम को खूब पढ़े वो महफूज़ रहेगा
3. जो सफ़र में इस नाम को पाबंदी से पढ़ेगा थकावट उसको महसूस नहीं होगी
4. जो इस को 319 बार शीरीनी पर पढ़ कर दुश्मन को खिलाये, तो दुश्मन महरबान हो जायेगा
5. अगर कोई इस नाम को रात के आख़िरी हिस्से में 1000 बार पढ़े तो बीमारी और बला उसके जिस्म से दूर हो जाती है
6. अस-सलाम | As-Salam
( सब ऐब और आफतों से महफूज़, तमाम नुक्स और कमजोरियों से पाक, सलामत और बेऐब ज़ात )
1. जो हमेशा सुबह की नमाज़ के बाद इस नाम 1000 बार पढ़े तो उसके इल्म में इज़ाफ़ा होगा
2. अगर कोई इस नाम को 131 बार पढ़ कर बीमार पर दम करे, तो बीमार सेहत पा जायेगा
3. जो कोई इस नाम को खूब पढ़े या लिखकर अपने पास रखे वह दुश्मन से बेखौफ़ रहेगा
4. यह नाम 690 बार शीरीनी पर पढ़ कर दुश्मन को खिलाएं तो दुश्मन मेहरबान हो जाए
5. अगर कोई 121 बार यह नाम और “सलामुन क़ौलम मिर रब्बिर रहीम” किसी मरीज पर पढ़े तो मरीज़ शिफा पाएगा या कम से कम मर्ज में कमी हो जाएगी
6. हर फर्ज नमाज के बाद 15 मर्तबा “अल्लाहुम्मा या सलामु सल्लिम” पढ़ना हर तरह की सलामती के लिए फायदेमंद है
7. जो कोई 115 मर्तबा पढ़ कर बीमार पर दम करेगा अल्लाह तआला उसको सेहत अता फरमाएगे
7. अल-मुअ’मिन | Al-Mua’min
( अमनो अमान देने वाला )
1. जो कोई रोजाना 3 बार यह नाम पढ़ने का मामूल रखेगा उसको कोई डर नहीं होगा
2. खौफ़ ज़दा आदमी अगर फर्ज नमाज़ो के बाद 36 बार इस नाम को पढ़ेगा तो उसकी जान और माल महफूज़ रहेंगे
3. अगर किसी पर खौफ़ तारी हो उसको चाहिए कि “या सलामु या मुअ’मिनु” पढ़ा करे, और इस वजीफे को खासकर मुसाफिर पढ़ते रहा करें तो अल्लाह तआला की तरफ से अम्नो सलामती नसीब होगी
4. जो शख्स किसी खौफ के वक्त 630 बार इस नाम को पढ़ेगा इंशाअल्लाह हर तरह के खौफ़ और नुक़सान से महफूज़ रहेगा
5. जो कोई इस नाम को पढ़े या अपने पास लिख कर रखे, उसका ज़ाहिर और बातिन अल्लाह तआला की अमान में रहेगा
8. अल-मुहैमिन | Al-Muhaimin
( सब की निगहबानी करने वाला )
1. जो कोई इसे 29 बार पढ़ेगा उसे कोई गम ना होगा
2. जो यह नाम हमेशा पढ़ता रहेगा वह तमाम बलाओ से महफूज रहेगा
9. अल-अज़ीज़ | Al-Azeez
( ऐसा ग़ालिब व ताक़तवर जो किसी से मग्लूब न हो )
1. जो शख्स 40 दिन तक 40 मर्तबा इस नाम को पढ़ेगा अल्लाह तआला उसको मुअज्ज़ज़ और मुस्तग्नी बना देंगे
2. जो शख्स इस नाम को रोजाना फज्र की नमाज़ के बाद 41 बार पढ़ता रहे वह इंशाअल्लाह किसी का मोहताज ना होगा और जिल्लत के बाद इज्जत पाएगा
3. अगर लोग रात के आखिरी हिस्से में जमा होकर दो दो हजार बार यह नाम पढ़ें तो रहमत की बारिश होगी
10. अल-जब्बारू | Al-Jabbar
( बिगड़े हुए कामों को दुरुस्त करने वाला )
1. अगर कोई बादशाह इस नाम को पढ़ा करे तो दूसरा बादशाह उस पर ग़ालिब नहीं आएगा
2. जो कोई इस नाम को हमेशा पढ़ता रहेगा वो मख्लूक़ की गीबत और बदगोई से महफूज़ रहेगा और अल्लाह तआला उसकी हर ज़ालिम से हिफ़ाज़त फ़रमाएंगे
11. अल-मुतकब्बिर | Al-Mutakabbir
( बड़ी अज़मत वाला )
1. किसी की बेहयाई रोकने के लिए इस नाम को उस पर 10 बार पढ़ने से बहुत फ़ायदा होगा
2. जो कोई बीवी से हमबिस्तरी से पहले 10 बार ये नाम पढ़े अल्लाह तआला उसे नेक और परहेज़गार औलाद अता फरमाते हैं
3. जो इसे हर काम की शुरुआत में पढ़ेगा उसके किसी काम रुकावट नहीं आएगी
4. जो दुश्मन से डरता हो वो इस नाम को पढ़ा करे, दुश्मन की बदगोई से महफूज़ हो जायेगा
12. अल-ख़ालिक | Al-Khaliq
( पैदा करने वाला )
1. जो शख्स आधी रात के बाद एक घंटा या उससे ज्यादा इस नाम को पढेगा अल्लाह तआला उसके दिल और चेहरे को मुनव्वर परमा देंगे
2. जिसका माल या बेटा गुम हो गया हो अगर वह 5000 बार इसको पढेगा तो गुमशुदा वापस आ जाएगा
3. जो 7 दिन तक लगातार इसको 100 बार पढ़े वह तमाम आफ़तों से महफूज रहेगा
4. जो बेऔलाद इसे हजार बार पढ़ा करें उसे औलाद (बेटा) नसीब हो
13. अल-बारी | Al-Baree
( जान डालने वाला )
1. अगर इलाज करने वाला इस नाम को पाबंदी से हमेशा पढ़े तो उसके हाथ में शिफ़ा होगी
2. जो कोई इस नाम को 244 बार पढ़े उसकी जो भी ज़रुरत होगी वह पूरी होगी
3. अगर बांझ औरत सात रोज़े रखे और पानी से इफ़्तार करने के बाद 21 मर्तबा अल-बारिउ और अल-मुसव्विरू पढ़े तो इंशाल्लाह बेटा नसीब होगा
14. अल-मुसव्विर | Al-Musawwir
( सूरत बनाने वाला )
1. अगर कोई 7 दिन तक रोजा रखे और इफ़्तार से पहले 21 बार यह नाम पढ़कर दम करे और पानी बांझ औरत को पिलाए, तो इंशाल्लाह उसका बांझपन दूर हो जाएगा
2. जो अपने बिस्तर पर आकर 7 बार यह नाम पढ़े फिर हमबिस्तरी करे तो अल्लाह तआला उसे नेक औलाद अता फ़रमाएंगे
15. अल-गफ्फार | Al-Gaffar
( बहुत माफ़ करने वाला )
1.जो कोई जो कोई “या गफ्फार” की पाबन्दी करेगा उसके तमाम गुनाह बख्श दिए जायेंगे और उसके नफ्स की बुरी ख्वाहिशात दूर हो जाएंगी
2. जो “या गफ्फारू इगफिरली ज़ुनूबी” जुमा की नमाज के बाद 100 बार पढ़ेगा अल्लाह तआला उसे बख्श देंगे और आख़िरत में लुत्फ़ और मगफिरत का उम्मीदवार बनायेंगे
3. गुस्सा करने वाले लोगों पर ये नाम पढ़ा जाए तो उनका गुस्सा कम हो जाएगा
4. जो फज्र के फर्ज और सुन्नत के दरमियान 41 दिन तक 550 बार ये नाम पढ़ेगा वो दौलत मंद होगा हो जायेगा (इस अमल में फ़ज्र की नमाज़ जमात से पढ़ना और इस नाम के शुरू और आख़िर में 11 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ना ज़रूरी है)
5. जो इस नाम को 545 बार रोज पढ़ेगा उसका रिज्क खोल दिया जायेगा और उसे कोई दुश्वारी ना आएगी
6. जो इस नाम को रोजाना तन्हाई में 1000 बार पढ़ेगा इंशाअल्लाह खास रोहानी मक़ाम अल्लाह के यहाँ पाएगा
7. जो शख्स इस नाम को 17 बार इस शख्स के सामने पढ़े अपने जिसको कोई हाजत या ज़रुरत हो इंशाअल्लाह वह हाजत पूरी होगी
8. जो इस नाम को सौ बार कैदी की रिहाई के लिए पढ़ेगा इंशाअल्लाह उसे छुटकारा मिलेगा और अगर बीमारी से शिफ़ा के लिए पढ़ेगा उसे शिफा मिलेगी (ज़रूर पढ़ें तजरिबा किया हुआ है )
अल्लाह इन नामों के सदके हमारी मुश्किलें आसान फ़रमाए और इन पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, आमीन