अस्सलामु अलैकुम दोस्तों ! 99 Names Of Allah series के इस part 4 में 56 से 80 तक नामों के मीनिंग और फ़ायदे हमने ज़िक्र किये हैं, जिनका ज़िक्र ज़िन्दगी में बरकत ही नहीं बल्कि अल्लाह की रज़ा व खुशनूदी भी साथ लायेगा, तो चलिये Allah Ke 99 Naam With Benefits In Hindi की एक और नूरानी पोस्ट को पढ़ें और अपनी जुबान को इन ख़ूबसूरत नामों के ज़िक्र से तर करें, अल्लाह आपका और हमारा हामी व मददगार हो, आमीन |
Allah Ke 99 Naam With Benefits In Hindi Part 4
56. अल-वलिय्यु (Al-Waliyy)
( मददगार व हिमायती )
जो शख्स अपनी बीवी की आदतों से ख़ुश न हो तो वो जब भी उसके सामने जाये तब इस नाम को पढ़ा करे इंशाअल्लाह नेक हो जाएगी
57. अल-हमीद (Al-Hameed)
( क़ाबिले तारीफ़, तमाम ख़ूबियों का मालिक )
जो शख्स 45 दिन तक लगातार 93 बार तन्हाई में “या हमीदु” पढ़ा करे तो उसकी तमाम बुरी आदतें इंशाअल्लाह दूर हो जाएँगी
जो बहुत ही गन्दी और बुरी बातें करने का आदी हो, और इस से बच न पा रहा हो, तो वो प्याले पर इस नाम को लिखे फिर 90 बार पढ़ कर दम करे और हमेशा इस प्याले में पानी पिया करे तो इंशाअल्लाह इन बुरी चीज़ों से महफूज़ हो जायेगा
सूरह फ़ातिहा के बाद ये नाम लिख कर किसी मरीज़ को पिलाने से शिफ़ा मिलती है
58. अल-मुह्सी (Al-Muhsi)
( शुमार करने वाला, गिनने वाला )
जो 10 बार ये नाम पढ़ा करे वो अल्लाह तआला की हिफ़ाज़त में रहेगा
59. अल-मुब्दिउ (Al-Mubdiu)
( पहली बार पैदा करने वाला )
जिसकी बीवी पेट से हो और वो बच्चे के गिर जाने से डरता हो, तो वो सुबह के वक़्त 90 बार ये नाम पढ़ कर शहादत की ऊँगली बीवी के पेट के गिर्द फेर दे, इंशाअल्लाह बच्चा महफ़ूज़ रहेगा
जिस शख्स का कोई माल चोरी हो गया हो वो इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह माल जल्द मिल जायेगा
अगर कोई इस नाम को पढ़ा करे तो उसकी ज़ुबान से सही और दुरुस्त बात निकलेगी
60. अल-मुईद (Al-Mueed)
( दोबारा ज़िन्दा करने वाला )
खोये हुए शख्स को वापस लाने के लिए जब घर पर सब सो जाएँ तो घर के तमाम कोनों में सत्तर सत्तर बार या मुईदु पढ़े, इंशाअल्लाह खोया हुआ इन्सान वापस आ जायेगा या उसका पता चल जायेगा
अगर कोई बात या कोई चीज़ भूल गया हो तो “या मुब्दिउ या मुईदु” को पढने से इंशाअल्लाह याद आ जाएगी
61. अल-मुहयी (Al-Muhyi)
( ज़िन्दगी देने वाला )
जिसको किसी से जुदाई का अन्देशा हो या क़ैद का खौफ़ हो वो इस नाम को खूब पढ़े
62. अल-मुमीत (Al-Mumeet)
( मौत देने वाला )
जिसको फ़िजूल खर्ची की आदत हो या उसका दिल इबादत पर आमादा न होता हो वो इस नाम को पढ़े – उस का एक तरीक़ा ये है कि सोते वक़्त सीने पर हाथ रख कर इस नाम को पढ़ते पढ़ते सो जाएँ
जो इस नाम को 7 बार पढ़ कर दम करेगा उस पर जादू असर न करेगा
63. अल-हय्यु (Al-Hayyu)
( हमेशा ज़िन्दा रहने वाला )
जो रोज़ाना 3 बार इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह वो बीमार नहीं होगा
अगर कोई इस नाम को 120 बार कागज़ पर लिख कर दरवाज़े पर लटका दे तो इस घर में जितने लोग रहते होंगे वो इंशाअल्लाह बुरी बीमारियों से महफ़ूज़ रहेंगे
64. अल-क़य्यूम (Al-Qayyoom)
( सब को क़ायम रखने और थामने वाला )
जो इस नाम को हर रोज़ 17 बार तन्हाई में पढ़े इंशाअल्लाह उसका हाफिज़ा (memory) मज़बूत होगा और उसका दिल मुनव्वर होगा
जो शख्स इस नाम को बराबर पढ़ेगा लोगों में उसकी इज्ज़त ज़्यादा होगी
जो सुबह की नमाज़ से सूरज निकलने तक “या हय्यु या क़य्यूमु” पढ़ेगा तो इंशाअल्लाह उसकी सुस्ती और काहिली दूर हो जाएगी
जो ज़्यादा सोने का आदी हो उसके सर पर “अलिफ़ लाम मीम, अल्लाहू ला इलाहा इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूम” पढ़ कर दम किया जाये तो इंशाअल्लाह उसकी नींद में कमी आ जाएगी
65. अल-वाजिद (Al-Waajid)
( वो जिस के पास हर चीज़ है, वो ज़ात जो कभी मोहताज न हो )
जो खाना खाते वक़्त “या वाजिदु” को पढ़ा करे तो ये गिज़ा उसके दिल को ताक़त और नूरानियत की वजह बन जाएगी
जो खाना खाते वक़्त हर निवाले के साथ इस को पढ़ेगा तो वो खाना इंशाअल्लाह नूर पैदा करेगा और बीमारी दूर होगी

66. अल-माजिद (Al-Majid)
( बुज़ुर्गी और बड़ाई वाला )
जो इस नाम को 10 बार शरबत पर पढ़ कर पिया करे तो वो इंशाअल्लाह बीमार नहीं होगा
अगर कोई इस नाम को पानी पर पढ़ कर मरीज़ को पिलाये तो मरीज़ शिफ़ा पाए
67. अल-वाहिद (Al-Waahid)
( अपनी ज़ात व सिफ़ात में यक्ता )
जिस की औलाद न होती हो वो “अल वाहिदुल अहद” लिख कर अपने पास रखे इंशाअल्लाह नेक औलाद नसीब होगी
जो रोज़ाना 1000 बार “अल वाहिदुल अहद” पढ़ा करे उसके दिल से दुनिया की मुहब्बत और और खौफ़ जाता रहेगा
68. अल-अहद (Al-Ahad)
( एक अकेला, अपनी ज़ात व सिफात में यक्ता )
जिसको सांप ने काटा हो उस पर 101 बार “अल वाहिदुल अहद” पढ़ कर दम करे इंशाअल्लाह मरीज़ को शिफ़ा मिलेगी
जो तन्हाई में इस नाम को 1000 बार पढ़ेगा इंशाअल्लाह वो नेकी का आदी हो जायेगा
69. अस-समद (As-Samad)
( हर चीज़ से बेनियाज़ )
जो इसे 1000 बार पढ़ा करे दुश्मन पर उसे फ़तह नसीब होगी
जो इस नाम ख़ूब पढ़ा करे इंशाअल्लाह उसकी मुश्किलें आसान हो जाएँगी
70. अल-कादिरू (Al-Qadir)
( क़ुदरत वाला )
अगर कोई मुश्किल पेश आये तो 41 बार इस नाम को पढ़ लिया करे, इंशाअल्लाह वो काम आसान हो जायेगा
71. अल-मुक्तदिर (Al-Muqtadir)
( पूरी क़ुदरत रखने वाला )
जो रोज़ाना 20 बार इस नाम को पढ़ा करे इंशाअल्लाह वो रहमते इलाही में रहेगा
72. अल-मुक़द्दिम (Al-Muqaddim)
( आगे करने वाला )
जो इस नाम को 9 बार मिठाई पर पढ़ कर किसी को खिलाये तो इंशाअल्लाह वो उस से मुहब्बत करेगा – लेकिन ग़लत और नाजायेज़ मक़सद के लिए ये अमल हराम है और नुक़सान दह भी है
73. अल-मुअख़खिर (Al-Muakhkhir)
( पीछे रखने वाला )
जो शख्स रोज़ाना 100 मर्तबा पाबंदी से इस नाम का ज़िक्र किया करे तो इंशाअल्लाह अल्लाह की ऐसी क़ुरबत नसीब होगी कि उस के बगैर चैन नहीं आएगा
जो इस नाम का ख़ूब ज़िक्र किया करे तो उसे इंशाअल्लाह सच्ची तौबा नसीब होगी
74. अल-अव्वल (Al-Awwal)
( सब से पहला )
जो मुसाफ़िर हो वो जुमा के दिन 1000 बार इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह बहुत जल्द खैरियत से अपने वतन पहुँच जायेगा
जो 100 बार इस नाम को पढ़ेगा इंशाअल्लाह उसकी बीवी उस से मुहब्बत करेगी
75. अल-आखिर (Al-Aakhir)
( सब से पिछला )
जो इशा के बाद इस नाम को 100 बार पढने का रूटीन बना ले तो उसकी आख़िरी उम्र इंशाअल्लाह पहली उम्र से बेहतर होगी
76. अज़-ज़ाहिर (Az-Zaahir)
( नुमायाँ, वाज़ेह, ज़ाहिर और आश्कार )
जो इशराक़ की नमाज़ के बाद 500 बार इस नाम को पढ़ेगा तो अल्लाह त आला उसकी आँखों में रौशनी और उसके दिल में नूर अता फ़रमाएंगे
अगर ज़्यादा बारिश वगैरह का खौफ़ हो तो इस नाम को खूब पढ़ें इंशाअल्लाह महफ़ूज़ रहेंगे
जो सुरमे पर इस नाम को 11 बार पढ़ कर आँखों में लगाये तो लोग उस पर महरबानी करेंगे
77. अल-बातिन (Al-Baatin)
( पोशीदा व पिन्हा )
जो शख्स किसी को अपनी अमानत सुपुर्द करे या ज़मीन में दफ़न करे वो कागज़ पर इस नाम को लिख कर उसके साथ रख दे, इंशाअल्लाह कोई उस में ख़यानत नहीं कर पायेगा
जो हर रोज़ 80 बार इस नाम को किसी भी नमाज़ के बाद पढ़ेगा तो इलाही राज़ उस पर खुल जायेंगे
78. अल-वाली (Al-Waali)
( मुतवल्ली, हाकिम, मालिक )
जो कोई अपना या किसी और का घर हर बला और बर्बादी से बचाना चाहता है तो 300 बार इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह वो घर महफ़ूज़ रहेगा
79. अल-मुतआली (Al-Muta’aali)
( बहुत बलंद बरतर )
जो औरत हैज़ (माहवारी) की हालत में इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह उसकी तकलीफ़ दूर होगी
दुश्मन की हलाकत के लिए 7 दिन तक रोज़ाना 1000 बार पढ़ना बहुत फायदेमंद है
80. अल-बर्र (Al-Barr)
( नेक सुलूक करने वाला )
जो शराब पीने या जिना जैसे ग़लत कामों में गिरफ़्तार हो वो रोज़ाना 7 बार इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह उस का दिल गुनाहों से हट जायेगा
जो इसे आंधी जैसी आफ़तों के वक़्त पढ़े इंशाअल्लाह महफ़ूज़ रहेगा
जो इस नाम को एक सांस में 7 बार अपने लड़के पर पढ़े और अल्लाह तआला के सुपुर्द कर दे इंशाअल्लाह उसका बच्चा बालिग़ होने तक तमाम मुसीबतों से महफ़ूज़ रहेगा
अल्लाह इन नामों के सदके हमारी मुश्किलें आसान फ़रमाए और इन पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए, आमीन
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