Wazu Ka Sunnat Tareeqa | Wazu Kaise Kare | वजू कैसे करें?

आपने यक़ीनन जब नमाज़ पढ़ी होगी तो उससे पहले वज़ू किया होगा अपने हाथ पैर मुंह साफ़ करके सर का मसह किया होगा लेकिन क्या आपको मालूम है कि हमारे नबी के Wazu Ka Sunnat Tareeqa क्या है?

और क्या आप जानते हैं कि नमाज़ का दारोमदार वज़ू पर होता है, बीच नमाज़ में भी अगर वज़ू टूट जाये तो नमाज़ तोड़ कर वज़ू करना पड़ता है फिर नमाज़ पढनी होती है, तो क्या आपने सीखा कि Wazu Kaise Kare क्यूंकि वज़ू सही नहीं हुआ तो नमाज़ नहीं होगी

और एक बात याद रखिये कि इस्लाम में सफ़ाई पाकीज़गी, इतनी ज़रूरी है कि हमारे नबी ने फ़रमाया कि “सफ़ाई तो आधा ईमान है” और नापाकी की कमर ये कह कर तोड़ दी कि “नापाक शख्स के घर में फ़रिश्ते दाख़िल नहीं होते” यानि अगर नापाक हो तो बगैर कोई देर किये फ़ौरन गुस्ल करो,

और फिर इसके बाद कहा गया कि अगर नमाज़ या तिलावत का इरादा है तो वज़ू करो यानि हाथ, पैर, मुंह को साफ़ करके नमाज़ और तिलावत जैसे अमल को अन्जाम दो, तो गुस्ल करना तो हमने सीख लिया, अब वज़ू सीखते हैं |

What Is Wazu | वजू किसे कहते हैं?

जब आदमी नमाज़ का इरादा करे तो वो पाक बर्तन में पाक पानी लेकर अपने हाथ, पैर, चेहरा इस तरह धोये और साफ़ करे जैसे हमारे नबी (स.अ.) ने बताया है तो इसी सफ़ाई के अमल को वज़ू कहते हैं |

Quran About Wazu | क़ुरआन में वज़ू का बयान

“يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِذَا قُمْتُمْ إِلَى الصَّلَاةِ فَاغْسِلُوا وُجُوهَكُمْ وَأَيْدِيَكُمْ إِلَى الْمَرَافِقِ وَامْسَحُوا بِرُءُوسِكُمْ وَأَرْجُلَكُمْ إِلَى الْكَعْبَيْنِ…”

सूरह अल-माइदा (5:6)

तरजुमा : ए ईमान वालों ! जब तुम नमाज़ के लिए उठो तो तुम्हें चाहिए कि अपने मुंह और हाथ कुहनियों तक धो लो फिर सर का मसह कर लो और पैर टखनों तक धो लो

Hadees About Wazu | हदीस में वज़ू का बयान

“لَا تُقْبَلُ صَلَاةُ أَحَدِكُمْ إِذَا أَحْدَثَ حَتَّى يَتَوَضَّأَ”
सही बुख़ारी हदीस न. 695, सही मुस्लिम हदीस न. 225

तरजुमा :
हज़रत अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:
“तुममें से किसी का वुज़ू टूट जाए तो उसकी नमाज़ उस वक़्त तक क़ुबूल नहीं होती जब तक वह दोबारा वुज़ू न कर ले।”

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल लाहु अन्हु से रिवायत है कि हमारे नबी पाक (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया जब तुम में से किसी का वुज़ू टूट जाये (या वज़ू न हो) तो अल्लाह त आला उसकी नमाज़ क़ुबूल नहीं फरमाते जब तक कि वो वुज़ू न कर ले |

Wazu Kaise Kare

Wazu Ka Sunnat Tareeqa | Wazu Kaise Kare

  1. नियत करना

    इस्लाम में कोई भी काम करने पहले सच्ची नियत ज़रूरी होती है इसलिए आप ये नियत करके बैठें कि अल्लाह का हुक्म है कि नमाज़ पढ़ो और नमाज़ बगैर वुज़ू के होती नहीं तो अल्लाह की रिज़ा के लिए मैं वुज़ू करने जा रहा हूँ |

    2. बिस्मिल्लाह से पढ़ना

      कोई भी नेक काम शुरू करने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना बरकत का सबब होता है क्यूंकि बिस्मिल्लाह का मतलब होता ही है कि “मैं अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ” तो वुज़ू अल्लाह का हुक्म है और बिस्मिल्लाह पढने से इसका सवाब और बढ़ जाता है |

      3. तीन बार हाथ धोना

        अब आप हाथ धुलना शुरू करें, ये ध्यान रहे कि आपको दाहिने हाथ से शुरुआत करनी है यानि कि दाहिना हाथ पहले धुलना है, तो पहले दाहिने हाथ को धोएं फिर बाएं को, और ये दोनों हाथ तीन बार कलाई तक धोना है |

        4. तीन बार कुल्ली करना

        इसके बाद दाहिने हाथ में पानी लेकर तीन बार ठीक से कुल्ली करना (बाएं हाथ से कुल्ली बिलकुल भी न करें) |

        5. तीन बार नाक में पानी डालना

        फिर दाहिने हाथ में पानी लेकर नाक में पानी डालना और नाक में नर्म हड्डी तक पानी पहुँचाना है, और फिर बाएं हाथ की छोटी ऊँगली से नाक साफ़ करना |

        6. तीन बार चेहरा धोना

        यहाँ पर ये जान लेनी ज़रूरी है कि चेहरे की हद कहाँ से कहाँ तक है ? तो जान लीजिये कि एक कान की लौ से दुसरे कान की लौ तक, पेशानी (Forehead ) के बालों से ठोड़ी\ठुड्डी (Bottom of Chin) के नीचे तक चेहरे की हद है

        इतने हिस्से को तीन बार धोना और अगर दाढ़ी हो तो दाढ़ी का खिलाल करना यानि उँगलियाँ भिगो कर दाढ़ी के आर पार गुजारना ज़रूरी है |

        7. कुहनियों समेत हाथ तीन बार धोना

        पहले हाथ कलाइयों तक धोये थे, अब अपनी कुहनियों तक तीन बार हाथ धोइए लेकिन याद रहे कि पहले दाहिना हाथ धोना है फिर बायाँ हाथ धोना है

        8. सर का मसह करना

        मसह में तीन चीज़ों का मसह करना है

        1. सर का मसहदोनों हाथों को भिगो कर सर के अगले हिस्से से पिछले हिस्से की तरफ ले जाना और फिर पिछले हिस्से से अगले हिस्से की तरफ़ लाना ये सिर्फ एक बार करना है
        2. कान का मसहफिर अपना अंगूठा कान के ऊपर लगाना और अपनी हाथों की शहादत की ऊँगलियाँ कानों के अन्दर इस्तेमाल करना
        3. गर्दन का मसहइसके बाद अपने हाथ के पिछले हिस्से से गर्दन का मसह करना

        9. टखनों समेत तीन बार पैर धोना

        पैर में जो उभरी हुई हड्डी होती है जिसको उर्दू में टखना कहते हैं (Ankle) तो टखने तक पहले दाहिने पैर को धोना, फिर बाएं पैर को ये ध्यान रखना कि पैर का निचला हिस्सा भी अच्छी तरह से धुल गया |

        ध्यान रहे ! जिस्म के इन सभी हिस्सों को आप हाथ लगा कर रगड़ कर ऐसे धुलें कि बाल बराबर भी कहीं सूखा न रह जाये वरना वज़ू सही नहीं होगा |

        10. फिर वुज़ू के बाद की दुआ पढ़ना

        Wazu Ke Baad Ki Dua In Hindi

          أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
          اللَّهُمَّ اجْعَلْنِيْ مِنَ التَّوَّابِينَ وَاجْعَلْنِيْ مِنَ الْمُتَطَهِّرِينَ

          अश हदू अल्ला इलाहा इल्लल लाहू
          व-अश हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहू वरसूलुह
          अल्लाहुम मज अलनी मिनत तव्वाबीना
          वज अल्नी मिनल मु-त तहहिरीन

          मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मुहम्मद ﷺ अल्लाह के बंदे और उसके रसूल हैं। ऐ अल्लाह! मुझे बहुत तौबा करने वालों में से कर दीजिये और मुझे पाक-साफ रहने वालों में शामिल फ़रमा दीजिये।”

          वज़ू का बचा हुआ पानी पीने का राज़

          आज कर तो नल में वज़ू करने का रिवाज है लेकिन पहले के लोग लोटे में वज़ू किया करते थे तो उस बचे हुए पानी को पी लेते थे तो इस अमल के बारे में बहुत सारी किताबों में आया है और उसका राज़ ये बताया गया है कि जिस तरह इन्सान अपने जिस्म के ज़ाहिरी हिस्सों पर पानी डाल कर तौबा और मगफिरत मांगता है ठीक वैसे ही बचा हुआ पानी पी लेना इस बात की तरफ़ इशारा है कि “ए मेरे ख़ुदा ! जिस तरह तूने मेरे ज़ाहिर को पाक कर दिया वैसे ही मेरे बातिन (अंदरूनी हिस्से) को पाक साफ़ फ़रमा दे

          और एक दूसरी वजह ये भी होती है कि वज़ू के पानी में एक ख़ास तरह की बरकत और नेक असर पैदा हो जाता है इसलिए वज़ू के बचे हुए पानी को पी लेना चाहिए और इस पानी को खड़े हो कर भी पी सकते हैं (मज़ाहिरे हक़ जदीद 392, जिल्द 1 )

          अल्लाह तआला हमें वज़ू की बरकतों से मालामाल फ़रमाए, आमीन

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